क्षमा के साथ कहना पड़ रहा है कि, सेन्ट्रल बार के गांधी सभागार में स्थापित **महात्मा गांधी की प्रतिमा* जिस किसी को भी जयपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एन.एम.रांका जी (प्रतिमा दानदाता संस्था के प्रमुख) के पिता सी लगती है, वे अपने श्री-नेत्रों का किसी नेत्र चिकित्सक के पास जाकर इलाज कराने का कष्ट करें, क्योंकि बापू की जो प्रतिमा दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन 'बनारस' वाराणसी के सभागार में स्थापित है वह "ध्यानयोग मुद्रा" में है! इसे समझने के लिए अपने अंदर क्षमता उत्पन्न करनी होगी, जिसका प्रयास मैं भी निरंतर कर रहा हूँ! ***मेरी उपरोक्त बातों से यदि किसी को कष्ट हुआ हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ! मेरी उक्त बातें किसी को छोटा साबित करने के लिए नहीं हैं! उक्त बातों को लिखने के उपरांत मैं किसी भी प्रकार के दण्ड को तत्पर हूँ तथा आप दण्ड देने को स्वतंत्र हैं!*** #AdvAnshuman
Advocate & Solicitor ~ Social Worker ~ Right to Information Activist