अधिवक्ता अब सिर्फ वही रहेंगे जिनका पेशा सिर्फ वकालत है। रजिस्ट्रेशन कराकर दूसरे पेशों से जुड़े या सरकारी नौकरी कर रहे लोगों को बार बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में है। इसके लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने वेरीफिकेशन के हथियार को इस्तेमाल किया है। छह साल से अधिक समय से रजिस्ट्रेशन कराने वाले अधिवक्ताओं को यह फॉर्म भरना अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन बार कौंसिल खुद कराएगा। क्यों लिया गया निर्णय :- बार कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू करने का उदेश्य उन्हें चिन्हित करना है जो वकालत के अलावा कुछ नहीं करते। दूसरे पेशे से जुड़े होने के बाद भी वकालत को सुरक्षा कवच के तौर पर इस्तेमाल करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाना है ताकि पूरे देश में वकीलों की छवि बेदाग रहे। फ्रीमें स्कीम का उठाते हैं लाभ:- अधिवक्तओं के हित में उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी बार कौंसिल द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। इनका लाभ हाईकोर्ट में रजिस्टर्ड अधिवक्ताओं को मिलता है। यूपी प्रदेश सरकार द्वारा अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति का गठन किया गया है। इसके तहत किसी अधिवक्ता की मृत्यु साठ साल के बाद होती है तो उसे स
Advocate & Solicitor ~ Social Worker ~ Right to Information Activist